उम्मीदें और इंतजार अधिक समय तक ठीक नही

उम्मीदें करते हैं तो समय कितना पीछे छूट जाता है

कभी कभी उम्मीदों में अपना आशियाना भी लूट लिया जाता है

कुछ पल का मेहमान बनाओ उम्मीदों को

इंतजार भी उसका करो जो आपकी परवाह करते हों

उनका इंतजार ठीक नही जो लापरवाह हों

टिप्पणी करे

Design a site like this with WordPress.com
प्रारंभ करें