पैसे कमाने के रोज रोज उपाय सोंच लेती हू लेकिन मैं पैसे कमाना नहीं जानती
क्योंकि मैंने अपने लिए कभी सोंचा ही नहीं
कम उम्र मे शादी बच्चे, घर गृहस्थी, घूंघट पर्दा, सामाजिक जीवन और रीति रिवाजों के चक्करों मे रही
अब 50 साल की हो गई तब मुझे पैसे कमाने के बारे मे विचार करना पड़ा
ऐसा नहीं कि मुझे कोई अभाव है
पति भी अच्छे हैं मेरी सारी जरूरत पूरी करते हैं पर पता नहीं मुझे अब क्यों आत्मनिर्भरता का ख्याल आया
जिसको बताओ वहीँ हंसता है
शायद मैं अकेली महसूस करती हू
ननदें शादी होकर कभी कभी आती हैं उनके भी घर संसार हो गया है
मायके वाले भी बड़ी दूर रहते हैं
किसी को किसी के लिए फुर्सत ही नहीं है
पति भी काम पर चले जाते हैं
उनकी भी रोजी रोटी है नहीं तो वो क्या खाएंगे और मैं भी क्या
अब मैंने एक तरकीब निकाली की शायद इसमे मुझे पैसे मिलेंगे थोड़े ही सही कम से कम कोई आंख तो नहीं दिखाएगा
बेटा कहता है कि कभी पापा का खाती हो कभी नाना के यहां से पैसे ले आती हो
नानी कपड़े दे देती है मामाजी गाड़ी से घूमा लाते हैं
पति से कहती हू तो वो हँसकर कहते हैं कि अब तुम पैसे कमा लाओ मै अपनी नौकरी छोड़ देता हू और मैं बैठकर खाएंगे
तुम खाना बनाकर जानाँ और फिर काम से आकर शाम का खाना भी तुम्हीं बनाकर रखना मैं घर की रखवाली करूंगा
अब मेरी जान सूख जाती हैं कि जाने से पहले खाना बनाऊं और वापस आने के बाद भी बनाऊं
खैर मैंने बाहर जाने का फैसला छोड़ दिया
अब घर मे रखकर कमाई करुँगी लेकिन कैसे
फिर मैं you tube मे नाची भी
उसमे व्यू आए परंतु रिश्तेदार भरे जा रहे थे
सब परेशान हो रहे थे कि इनको क्या हो गया अब उन लोगों ने भी रोक दिया मित्रों ने टोक दिया
मुझे नाचना आता ही नहीं थी मैं ऐसे नाच रही थी कि जेसे कोई ट्रेन पकड़ने जा रहा हो
अब मैं गाना गाने लगी परंतु एक भी व्यू ना आया मनोबल गिर गया गाना, नाचना छोड़ दिया
अब ब्लॉगर मे पोस्ट लिखी उसमे भी कोई ना आया
फिर मैंने ट्रेडिंग करने की सोची पर उसमे मैंने पैसे नहीं लगाए क्योंकि कमेंट्स गलत आ रहे थे
अब मैं wordpress मे आ गई हू शायद इसमे पैसे मिलेंगे
परंतु इसमे आप लोगों की पोस्ट पढ़ी लोगों का प्यार पाया सब लोग एक परिवार की तरह पोस्ट मे आते हैं पैसे नहीं मिले तो क्या हुआ संतुष्टि और आप सब लोगों के ब्लॉग पढ़कर मन शांत हुआ पैसों से बढ़कर संतुष्टि है
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